सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥ शिव को भस्म क्यों चढ़ाई जाती है, जानिए यहां भस्म आरती के राज मैना मातु की ह्वै दुलारी । बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥ किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥ अर्थ- आपकी जटाओं से ही गंगा बहती https://shivchalisas.com